Tag: Childhood Poetry
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बचपन के बाजार से
उधर से, यादों के उस पार से खूशियां चूम के आया हूँ आज मैं बचपन के बाजार से घूम के आया हूँ। उस चाँदनी रात मे चाँद पे जाने के सपने देख रहा था। उन तारो पे जा लगे मैं वो पत्थर फेंक रहा था। उस आम के बगीचे से कुछ आम चुराये मैंने कुछ […]